ऑफिस या वर्क प्लेस पर आप भी काम के बोझ से जूझ रहे होंगे? आप भी काम के बोझ को कम करने के लिए कोई न कोई रास्ता ज़रूर ढूँढ़ते होंगे। लेकिन, एक अस्पताल में एक नर्स ने काम के बोझ के चलते 10 लोगों की जान ले ली। इतना ही नहीं, यह नर्स 27 और लोगों की जान लेने की तैयारी में थी। यह घटना जर्मनी में हुई। इस मामले में नर्स को गिरफ्तार कर लिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जेमेनिया (बदला हुआ नाम) नाम की एक युवती पश्चिमी जर्मनी के वुर्जलेन शहर के एक अस्पताल में नर्स के पद पर कार्यरत थी। उसने 2007 में नर्सिंग की ट्रेनिंग पूरी की थी। जेमेनिया 2020 से अस्पताल में नर्स के पद पर कार्यरत थी। एक दिन, उसे अस्पताल में काम का बोझ बहुत बढ़ गया।
काम के बोझ से वह चिड़चिड़ी होने लगी। एक ही काम और अस्पताल के कर्मचारियों की लगातार बकबक सुनकर उसे गुस्सा आने लगा। आखिरकार, उसने अस्पताल में मरीजों को मारने का फैसला कर लिया। इसलिए, उसने रात की ड्यूटी के दौरान बुजुर्ग मरीजों को भारी मात्रा में दर्द निवारक और अतिरिक्त नींद की गोलियां दे दीं। नर्स का मकसद था कि मरीज़ जल्दी सो जाएँ और उन्हें रात भर काम न करना पड़े।
लगातार अतिरिक्त गोलियाँ लगने से 10 लोगों की मौत हो गई। लगातार हो रही मौतों से अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद डॉक्टरों को इस मामले में शक हुआ और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। जब पुलिस ने मामले की जाँच शुरू की, तो उनकी जाँच में यह मामला सामने आया।
पुलिस ने इस मामले में नर्स को हथकड़ी लगा दी। पुलिस ने बताया कि लड़की ने काम के बोझ के कारण यह कदम उठाया था। वह 27 और लोगों को मारने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसकी कोशिश नाकाम रही। हालाँकि, उसने 10 निर्दोष लोगों की जान ले ली है। अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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